दिन में 25 से 30 मिनट योग करने से शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार आता है। साथ ही परिवार में होने वाले आनुवंशिक रोग की आशंकाएं घट जाती हैं। यह दावा है एम्स में हुए शोध का। इसे लेकर एम्स के एनाटॉमी विभाग में साल 2008 से अध्ययन किया जा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित योग करने से दिमाग में न्यूरॉन की मात्रा बढ़ती है। साथ ही न्युरोप्लास्टिसिटी बढ़ता है। जो भावनात्मक लचीलापन को बढ़ता है। इसकी मदद से कई तरह के रोग होने की आशंका कम हो जाती है।
साथ ही व्यक्ति में गंभीर और जटिल परिस्थिति को झेलने की क्षमता बढ़ जाती है। इसके अलावा शोध से पता चला है कि नियमित योग करने से काला मोतिया, गठिया, बांझपन, तनाव, नींद की कमी, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), मोटापा सहित दूसरे रोग भी घटते हैं।
एम्स के एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा का कहना है कि डॉक्टरों की सलाह पर उपयुक्त योग करने से न केवल शुक्राणु के मात्रा में सुधार होता है। बल्कि उनके बच्चों में होने वाली आनुवंशिक रोग की आशंका भी कम हो सकती है।
योग की मदद से दिमाग में ऐसे रसायन रिलीज होते हैं जो विकार को दूर करने में सहायक होते हैं। ये दिमाग में न्यूरोप्लास्टी, बीडीएनएफ मेलाटोनिन को बढ़ाता है। वहीं सामान्य लोग यदि नियमित योग करते हैं तो किसी भी तरह के दूसरे रोग होने की आशंका कम हो जाती है।