मथुराकृषि उत्पादन मंडी समिति में बुधवार को किसानों और व्यापारियों ने हंगामा करके नारेबाजी और प्रदर्शन किया। किसानों और व्यापारियों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। किसानों ने कहा कि मंडी में व्यापारी उनका गेहूं नहीं खरीद रहे हैं। वहीं व्यापारियों का आरोप था कि उनके पास गेहूं का स्टॉक अधिक हो गया है। मंडी समिति द्वारा गेट पास न बनाए जाने के कारण वह गेहूं की मिल में बिक्री नहीं कर पा रहे हैं।
मंडी सचिव ने समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया है। बता दें कि गेहूं की सरकारी खरीद एक अप्रैल से शुरू हो चुकी है। पहले दिन कृषि मंडी मथुरा में 11 क्विंटल और सांचौली छाता में 125 क्विंटल गेहूं खरीद हुई थी। कृषि उत्पादन मंडी समिति बड़ी संख्या में किसान गेहूं की बिक्री करने पहुंचने लगे हैं। समर्थन मूल्य 2275 रुपये में गेहूं की खरीद हो रही है, वहीं आढ़तिए भी किसानों को 2250 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भाव दे रहे हैं।
ऐसे में किसान अपना गेहूं बिना किसी परेशानी के आढ़तियों को बेचकर जा रहे हैं। इसके चलते दो दिन हुई खरीद के बाद ही आढ़तियों के गोदाम भर गए। व्यापारी दीनदयाल अग्रवाल, आलोक शर्मा एवं चेतन ने बताया कि मंडी समिति की ओर से उन्हें गेट पास जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में वे गेहूं को दूसरे राज्यों व मिलों को नहीं बेच पा रहे हैं।
माल का स्टॉक अधिक हो गया है, लेकिन इसकी बिक्री नहीं होने से गेहूं रखने में परेशानी आ रही है। गेट पास के लिए समिति अधिकारियों से कई बार कहा गया, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं कर रहा है। वहीं किसान ब्रजबिहारी, नेपाल सिंह एवं कृपाल सिंह ने बताया कि वह काफी दूर से गेहूं बिक्री के लिए मंडी आए हैं, लेकिन व्यापारियों ने खरीद से मना कर दिया है।
ऐसे में अनाज को वापस ले जाना मुश्किल है। इससे नाराज व्यापारियों और किसानों ने कृषि उत्पादन मंडी समिति के गेट पर खड़े होकर एक घंटे तक हंगामा करते हुए मंडी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। हंगामे की जानकारी मिलते ही मंडी सचिव राजेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और उन्होंने व्यापारियों व किसानों को समझाया। उन्होंने उच्चाधिकारियों को अवगत कराकर जल्द गेट पास जारी करने का आश्वासन दिया है।