होली मिलन पर गोष्ठी व काव्यपाठ , संस्कृति, संस्कार व प्रेम को आत्मसात करने का आह्वान

Date: 2024-03-28
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छपरौली
क्षेत्र के गाँव ककौर कला में होली के उपलक्ष्य में ग्राम सेवा संगठन द्वारा काव्य पाठ व विचार गोष्ठी का आयोजन। संस्कृति,संस्कार और प्रेम को जीवन में उतारने की आवश्यकता पर बल दिया गया। 

ग्राम सेवा संगठन ने होली पर्व पर सामाजिक स्थितियों, राजनैतिक व धार्मिक विषयों पर आधारित कविताओं के माध्यम से नशे से दूर रहकर, समाज में संस्कारों को पोषित करने का आह्वान किया गया। वहीं

समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय ने कहा कि, संस्कार हमारी सबसे बड़ी धरोहर है, संस्कारों के बिना मनुष्य हिंसक पशुओं की तरह है। होली पर्व हमें एकता व संस्कारों की प्रेरणा देता है, समाजहित में ईर्ष्या का त्याग कर गले मिलना होली का उद्देश्य है।

कार्यक्रम के आयोजक योगेन्द्र कुमार सरोहा ने श्रृंगार की कविता के द्वारा अलौकिक प्रेम को ही वास्तविक प्रेम की संज्ञा दी ।अध्यक्षता सुधीर कुमार खोखर व संचालन प्रताप आर्य ने किया।

इस अवसर पर ओज व श्रृंगार रस के कवि प्रताप आर्य,अंकित कुमार उपाध्याय, रवि कुमार, सुधीर खोखर, डॉ जितेन्द्र कुमार,अमित कुमार हुड्डा, रवि उपाध्याय, हर्ष कुमार, सोनू कुमार, डॉ रामकुमार, उत्सव, शौर्य, चिराग आदि उपस्थित रहे।

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