पारस प्रभु अतिशय क्षेत्र बड़ागांव में चल रहे सिद्धचक्रै महामंडल विधान में रविवार को विधि विधान से आरती की गई। प्रभु के संगीतमय भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर होकर झूमते रहे। माता ने विधान के पात्रों और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया।
विधान सुबह सात बजे प्रभु के अभिषेक और शांतिधारा के साथ शुरू हुआ तथा इंद्र व इंद्राणी बने श्रद्धालुओं ने पूजन आरती की। पं जयकिशन निशांत ने मंत्रोचार के जरिए पूजन को पूर्ण कराया। वहीं संगीतमय भजनों पर श्रद्धालुओं ने खडे होकर नृत्य किया।
इस दौरान माता आर्षमति ने विधान के पात्रों और जैन श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ,शिक्षा के साथ संस्कार भी आवश्यक है। जैसे जहां पेड़ और पानी एक साथ हो, वहां हरियाली अपने आप आ जाती है, उसी तरह जहां शिक्षा और संस्कार होंगे, वहां कामयाबी अपने आप आ जाती है।
उन्होने बच्चों को उच्च शिक्षा से संस्कारित करने, समाज में बुजुर्गो संतों के महत्व को बताने में परिवार की भूमिका का उल्लेख किया। विधान में बडी संख्या में धर्मावलम्बी महिलाएं भी शामिल रही।