सिद्ध चक्र महामंडल विधान में बोली आर्षमति माता :जैन धर्म के मूल सिद्धांतों में रखे आस्था*

Date: 2024-03-24
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खेकड़ा
पारस प्रभु अतिशय क्षेत्र बड़ागांव में चल रहे सिद्ध चक्र महामंडल विधान में शुक्रवार को 256 अर्घ्य से प्रभु का पूजन व आरती की गई। आर्षमति माता ने पूजन में शामिल इंद्र इंद्राणी और जैन धर्मालंबियों को आशीर्वाद दिया।

पूजन में प्रभु का विधि विधान के साथ अभिषेक तथा शांति धारा की गई । साथ ही 256 अर्ध्य चढ़ाकर विधान में प्रभु का पूजन किया गया और प्रभु की संगीतमय आरती की गई। पूजन पंडित जयकुमार निशांत ने मंत्रोचार के जरिए पूर्ण कराया।इस दौरान इंद्र इंद्राणियों के साथ सैकड़ो जैन धमालम्बी भी शामिल हुए। 

आर्षमति माता ने सभी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि, हमेशा सभी भक्तों को जैन धर्म के मूल सिद्धांतों में आस्था रखना चाहिए। समय परिवर्तनशील होता है।

समयानुसार कोई ना कोई विद्वान और साधु ऐसे उत्पन्न होते हैं, जो मूल सिद्धांतों से हटकर अपनी विचारधारा समाज में रखने का प्रयास करते हैं। सुभाष चंद्र जैन, अमरचंद, चक्रेश, अनिल, आयुक्त, शारदा, निधि जैन आदि को परिवार सहित प्रभु का अभिषेक और शांति धारा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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