प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहली बार मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रियंका गांधी का जिक्र किया है। यह मामला एनआरआई बिजनेसमैन सीसी थंपी से जुड़ा है, जिसमें प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा पर भी आरोप हैं। ईडी का कहना है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और बेटी प्रियंका गांधी ने दिल्ली के एक रियल एस्टेट एजेंट के द्वारा हरियाणा में जमीन खरीदी। उसी रियल एस्टेट एजेंट ने एनआरआई बिजनेसमैन सीसी थंपी को भी जमीन बेची थी। ईडी का आरोप है कि थंपी के वाड्रा के साथ लंबे और गहरे संबंध हैं।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले बीते नवंबर को चार्जशीट दाखिल की थी। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस चार्जशीट के अनुसार, संघीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि 'रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा ने वाड्रा और थंपी दोनों को जमीन बेची। हरियाणा में जमीन सौदे के बदले पाहवा को दस्तावेजों से अलग नकद रकम मिली। चार्जशीट के अनुसार, वाड्रा ने सौदे की पूरी रकम का भुगतान भी नहीं किया। पाहवा ने साल 2006 में प्रियंका गांधी को भी कृषि जमीन बेची थी लेकिन साल 2010 में इसे वापस खरीद लिया था।'
रॉबर्ट वाड्रा ने लंदन में भी संपत्ति खरीदी थी और ईडी द्वारा उस सौदे की भी जांच की जा रही है। ईडी ने बताया कि इस मामले की जांच के दौरान उन्हें पता चला कि रॉबर्ट वाड्रा और सीसी थंपी के बीच लंबे और गहरे संबंध हैं। दोनों के ना सिर्फ निजी तौर पर पारिवारिक संबंध हैं बल्कि व्यवसायिक संबंध भी हैं। बता दें कि सीसी थंपी को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में थंपी ने स्वीकार किया था कि वह वाड्रा को बीते 10 सालों से जानते हैं और वाड्रा के दुबई दौरे और दिल्ली में भी दोनों की कई बार मुलाकात हो चुकी है। ईडी ने बताया कि थंपी ने हरियाणा में साल 2005 से लेकर 2008 के बीच 486 एकड़ जमीन खरीदने के लिए एचएल पाहवा की सेवाएं ली थी।
ईडी की चार्जशीट में बताया गया है कि रॉबर्ट वाड्रा ने भी एचएल पाहवा के माध्यम से हरियाणा में 2005-2006 में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन खरीदी थी और यही जमीन दिसंबर 2010 में फिर से पाहवा ने रॉबर्ट वाड्रा से वापस खरीदी। प्रियंका गांधी ने भी हरियाणा के अमिपुर गांव में पाहवा से साल 2006 में ही 40 कनाल (5 एकड़) जमीन खरीदी और फिर फरवरी 2010 में वही जमीन वापस पाहवा को बेच दी।