खेकड़ा।
पारस प्रभु अतिशय क्षेत्र बड़ागांव में चल रहे सिद्धचक्र महामंडल विधान में गुरुवार को 256 अर्ध्यो से प्रभु का पूजन किया गया। विधि विधान से आरती की गई। माता ने विधान के पात्रों और श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया।
विधान में सबसे पहले प्रभु अभिषेक और शांतिधारा की गई तथा फिर पूजन शुरू हुआ।इस दौरान इंद्र इंद्राणियों ने 256 अर्घ्य से प्रभु का पूजन किया व उनकी आरती की। पंडित जयकिशन निशांत ने मंत्रोचार के जरिए पूजन को पूर्ण कराया। माता आर्षमति ने विधान के पात्रों और जैन श्रद्धा लोगों को आशीर्वाद दिया।
उन्होंने कहा कि भीतर में आनन्द का झरना बह रहा है, फिर भी अफसोस है कि ,बाहर में जीव आनन्द की प्राप्ति के लिये भटक रहा है।असल में तन का रोग, मन का भोग, और आत्मा जनित शोक, इस जीव को निरंतर दुखी करते रहते हैं।
बाहर में दुखी जीव यह नहीं जान पाता कि आखिर उसे कौन दुख दे रहा है क्योंकि उसके पास सम्यक ज्ञान का अभाव है। विधान में बडी संख्या में धर्मावलम्बी महिलाएं शामिल रही।