बाल अधिकारों व समावेशी विकास के लिए सार्थक सहभागिता जरूरी
लखनऊ,
युवा चेंज सेकर्स को जुनून के साथ काम करने का आह्वान करते हुए यूनिसेफ के उत्तर प्रदेश प्रमुख डॉ जाकरी एडम ने कहा कि युवा पीढ़ी को बुजुर्गों के साथ जोड़ने व तालमेल रखने की जरुरत है। बाल अधिकारों और समावेशी विकास को सुनिश्चित करने में किशोर-किशोरियों और युवाओं की सार्थक सहभागिता पर गुरुवार को यूनिसेफ के लखनऊ कार्यालय में आयोजित राउंडटेबल कांफ्रेंस में बोलते हुए डॉ एडम ने विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच एक कनेक्ट स्थापित करने पर जोर दिया।
यूनिसेफ की 75 सालों की यात्रा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत में 400 से ज्यादा कर्मियों के साथ संस्था शिक्षा, स्वास्थ्य, अधिकारों से लेकर विकास के कई क्षेत्रों में काम कर रही है। डॉएडम ने कहा कि धैर्य व जुनून के साथ काम करते हुए यूनिसेफ ने भारत में कई मोर्चों पर सफलता प्राप्त की है।
यूनिसेफ, यूपी में संचार विशेषज्ञ, निपुण गुप्ता ने कहा कि इस राउंडटेबल का उद्देश्य बच्चों के लिए नहीं बल्कि उनके साथ काम करने वालों के साथ एक सार्थक संवाद करना है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश उन लोगों व संस्थाओं का एक नेटवर्क बनाने की है जो बच्चों के साथ काम कर रहे हैं। सार्थक भागीदारी पर अपनी प्रस्तुतिकरण में निपुण ने कहा कि किशोरावस्था विकास का स्वर्णिम अवसर होता है। उन्होंने कहा कि भागीदारी का अर्थ केवल आवाज उठाना भर नहीं बल्कि इसका अर्थ मुद्दों के प्रति सूचित होना और उनसे जुड़ाव है।
उन्होंने बताया कि बाल अधिकारों पर कन्वेंशन (सीआरसी) में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, उम्र, परिपक्वता और विकसित होती क्षमता के अनुसार खुद को प्रभावित करने वाले फैसलों में भागीदारी करने की बात कही गयी है। इसके अलावा इसमें एसोसिएशनों व यूनियनों के गठन, बच्चों को हानिकारख नहीं बल्कि फायदेमंद जानकारी पहुंचाने के साथ सभी के अधिकारों के सम्मान की बात भी कही गयी है। निपुण गुप्ता ने कहा कि भागीदारी का अधिकार मूलभूत मानवीय अधिकार है।
राउंड टेबल में प्रदेश के विभिन्न भागों से आए युवा चेंज मेकर्स और व बच्चों के साथ काम करने वाली संस्थाओं ने अपने अनुभवों, यात्रा व प्रेरणा के बारे में बात रखी। यूनिसेफ में कम्यूनिकेशन अधिकारी वासित मलिक व सलाहकार ऋचा श्रीवास्तव ने सभी प्रतिभागियों के लिए बाल अधिकारों से संबंधित प्रशनों पर आधारित एक क्विज का आयोजन किया। कार्यक्रम में यूनिसेफ की 75 साल की यात्रा पर और अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की बच्चों से बातचीत पर दो शार्ट वीडियो फिल्में भी दिखायी गयीं।
राउंडटेबल में मौजूद युवा चेंज मेकर्स ने विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही सामाजिक संस्थाओं व लोगों के बीच बेहतर सामंजस्य की जरुरत बताई। उन्होंने कहा कि एक क्षेत्र में काम करते समय अक्सर अन्य समस्याएं सामने आती हैं जिन्हें आपस में बेहतर तालमेल के साथ सुलझाया जा सकता है। निपुण गुप्ता ने कहा कि एडवोकेसी की जरुरत बड़े पैमाने पर है।
शरणम सेवा समिति के सचिव शरफ अब्बास खान ने विभिन्न जिलों व संस्थाओं से आए चेंज मेकर्स का धन्यवाद दिया। उन्होंने विशेष तौर पर श्रावस्ती जिले के जगतजीत इंटर कालेज से आए बाल पोषण मित्रों अमर व गरिमा के साथ भारत स्काउट्स एंड गाइड के रोहित पांडे का आभार व्यक्त किया। राउंड टेबल कांफ्रेंस में समीक्षा, अखिलेश शुक्ला, तंजीम रजा, ईशान, अंशुल भारती, शिवांगी, अलीजा, सर्वज्ञ अस्थाना, आयुष पटेल, दिव्या मालवीय, अंजली ताज, पूनम, अंकित, अनेयका के साथ कई सोशल मीडिया इंफ्ल्यूएंसर भी शामिल रहे। चाभी यान, नेहरु युवा केंद्र, एक्शन एड, सेव दि चिल्ड्रेन, अंकुर युवा चेतना शिविर, लियो क्लब, खिदमते खल्क, अदम्य स्ट्रीट थियेटर समूह, जिजीविषा, नवरीता फाउंडेशन, वनस्थली, विद्यापीठ, लखनऊ विश्वविद्यालय, एमिटी विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय शौर्य, समग्र फाउंडेशन, सव्प्न फाउंडेशन, स्पीड सहित कई संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे।