दिल्ली स्थित भारत मंडपम में आज वीर बाल दिवस कार्यक्रम मनाया गया। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। जहां कार्यक्रम में बच्चों ने प्रस्तुति दी। यहां पीएम मोदी का सम्मान किया गया। साथ ही उन्होंने यहां पहुंचे लोगों को संबोधित किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को वीर बाल दिवस के मौके पर सिख गुरु गोबिंद सिंह, उनके पुत्रों और पत्नी माता गुजरी को नमन किया। वहीं कोलकता में जेपी नड्डा भी वीर बाल दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए।
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'वीर बाल दिवस के मौके पर मैं गुरु गोबिंद जी के चार साहिबजादों और माता गुजरी जी को नमन करता हूं। पूरे साहस के साथ वे क्रूर मुगल शासन के खिलाफ खड़े हुए और धर्म परिवर्तन को इनकार करते हुए शहादत को चुना। उनकी ये अतुलनीय वीरता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
दिल्ली के भारत मंडपम में वीर बाल दिवस समारोह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने का प्रतीक है। पिछले वर्ष देश ने पहली बार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाया था। तब पूरे देश में सभी ने भाव विभोर होकर साहिबजादों की वीर गाथाओं को सुना था। वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज भारत, दुनिया के उन देशों में से है, जो देश सबसे ज्यादा युवा देश है। इतना युवा तो भारत अपनी आजादी की लड़ाई के समय भी नहीं था। जब उस युवाशक्ति ने देश को आजादी दिलाई, तो आज की युवाशक्ति भारत को किस ऊंचाई पर ले जा सकती है। यह कल्पना से परे है। हमें इस मिट्टी की आन-बान-शान के लिए जीना है, हमें देश को बेहतर बनाने के लिए जीना है। हमें इस महान राष्ट्र की संतान के रूप में, देश को विकसित बनाने के लिए जीना है, जुटना है, जूझना है और विजयी होकर निकलना है।
आगे कहा कि मुझे खुशी है कि आज का भारत 'गुलामी की मानसिकता' से बाहर निकल रहा है। आज के भारत को अपने लोगों पर, अपने सामर्थ्य पर, अपनी प्रेरणाओं पर पूरा पूरा भरोसा है। आज के भारत के लिए साहिबजादों का बलिदान राष्ट्रीय प्रेरणा का विषय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह के दोनों छोटे बेटों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदान को याद करने के लिए हर वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का ऐलान किया था।