अतिथि और साधु एक समान - डॉ मणिभद्र मुनि महाराज

Date: 2024-02-27
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बडौत
नेपाल केसरी मानव मिलन संस्थापक राष्ट्र सन्त डॉ मणिभद्र मुनि जी महाराज, उपप्रवर्तक श्रीअभिषेक मुनि जी महाराज व संघस्थ श्रीआशीष मुनि जी महाराज के साथ मेरठ से पद विहार कर बड़ौत शहर के जैन स्थानक में पहुंचे संतों ने कहा कि, अतिथि और साधु एक समान होते हैं । 

कहा कि,अतिथि वह होता है ,जिसकी आने जाने की कोई तिथि निश्चित नहींं होती । अतिथि और मेहमान में अंतर है । मेहमान वो होता है ,जिसके आने की पूर्व सूचना हो । इससे पूर्व मुनि संघ के बड़ौत नगर में पधारने पर उनका बड़ौत जैन समाज द्वारा भव्य स्वागत किया गया तथा नगर में पहले से ही विराजित गुरु भाइयो से मुनि संघ का स्नेह मिलन भी हुआ । 

मुनि संघ की आगवानी करने के लिए णमोकार मन्त्र साधक पंडित रत्न श्री विचक्षण मुनि जी महाराज साहब आदि ठाणे-6 से लगभग 2 किमी पद विहार कर मुनियों को लेने पहुचे । इस अवसर पर विचक्षण मुनि महाराज ने श्रद्धालुओं को अपना मंगल आशीर्वाद प्रदान किया।

बता दें कि, स्थानक में विचक्षण मुनि, उदित मुनि, मनोहर मुनि, डॉ मणिभद्र मुनि, अभिषेक मुनि, जाग्रत मुनि, आशीष मुनि, पराग मुनि व संयम मुनि विराजमान हैं, जहां प्रतिदिन मंगल प्रवचन होंगे। इस अवसर पर घसीट्टूमल जैन, संजय जैन, कमल जैन, प्रभात जैन, अमितराय जैन, पारस जैन, अमित जैन, राजीव जैन, मुकेश जैन, अजय जैन, सतीश जैन आदि उपस्थित रहे ।

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