जिलाधिकारी द्वारा काठा में प्राथमिक विद्यालय नंबर 2 व लर्निंग लैब आंगनबाड़ी केंद्र का औचक निरीक्षण

Date: 2024-02-19
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बागपत 
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने काठा गांव के संविलियन प्राथमिक विद्यालय नंबर 2 व काठा के ही लर्निंग लैब आंगनबाड़ी केंद्र का औचक निरीक्षण किया । विद्यालय में 339 छात्र छात्राओं में से मात्र 120 ही उपस्थित पाए गए ,जबकि 13 शिक्षकों में से कुल 4 ही मौजूद मिले। दूसरी ओर बच्चों के लिए बनाए गए मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता सही से न मिलने पर उन्होंने नाराजगी जताई तथा सुधार के निर्देश दिए। 

औचक निरीक्षण के दौरान पता चला कि,इस विद्यालय में 13 अध्यापक कार्यरत हैं जिसके सापेक्ष 5 अध्यापक ट्रेनिंग पर ,2 अध्यापक सीसीएल पर हैं। वहींअध्यापिका ममता अनुपस्थित मिली,तो अफसाना छुट्टी पर होने के बावजूद अवकाश का कोई प्रार्थना पत्र उपस्थिति पंजिका में नहीं मिला और ना ही प्रेरणा एप पर उनकी छुट्टी स्वीकृत थी ,जिस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि, दिल्ली के नजदीक होने के कारण काठा के विद्यालय में बच्चों की अपेक्षा अध्यापकों की संख्या भी बहुत ज्यादा है, इसके समायोजन में कार्य करने की आवश्यकता है। कहा कि, बच्चों की कम संख्या होने पर भी अध्यापक का ध्यान बच्चों की पढ़ाई में नहीं है। शिक्षक प्रतिदिन विद्यालय आएं और बच्चों को पढ़ाएं। बच्चों के पढ़ने से उनके एक नए भविष्य का निर्माण होगा । 

अध्यापकों की अनुपस्थित पाए जाने पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और प्रधानाचार्य पूनम दीक्षित को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों से शिक्षण कार्य के संबंध में जानकारी ली और कक्षा तीन की छात्रा मधु से गणित में गुणा के सवाल कराये, आठ के पहाडे के संबंध में भी जानकारी ली और सवालों का श्यामपट्ट पर अध्ययन कराकर देखा , जिसपर संबंधित अध्यापक को सुधार करने के निर्देश दिए और कहा कि बच्चों के शिक्षण कार्य में गुणवत्ता होनी चाहिए।  

इस दौरान जिलाधिकारी ने मिड डे मील की गुणवत्ता को चेक किया ,जो सही नहींं मिली , साथ ही बच्चों से भी मिड डे मील के बारे में भी जानकारी ली। बच्चों के लिए बनने वाले भोजन में सब्जियों में तेल का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं किया जा रहा था, जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की और उसमें सुधार करने के निर्देश दिए तथा कहा कि बच्चों को गुणवत्ता के साथ भोजन कराया जाए इसमें किसी भी तरह की लापरवाही ना की जाए। बच्चों को अच्छा भोजन मिलेगा तो उनका शरीर भी और मस्तिष्क भी अच्छा रहेगा। बच्चों को प्रार्थना के समय नैतिक शिक्षा भी अवश्य सिखाने के निर्देश भी दिए गए।

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