कनाडा में रहने वाले बलूच, सिंधी और पश्तून लोगों ने पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान में बलूच लोगों द्वारा निकाले जा रहे मार्च को भी अपना समर्थन दिया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में हजारों बलूच लोगों के गायब होने, हत्याओं और उत्पीड़न की जिम्मेदार पाकिस्तान की सरकार है। पाकिस्तानी सेना द्वारा बलूच, सिंधी और पश्तूनों का उत्पीड़न किया जाता है।
यह प्रदर्शन कनाडा के टोरोंटो में बलूच ह्युमन राइट्स काउंसिल ऑफ कनाडा, वर्ल्ड सिंधी काउंसिल और पश्तून काउंसिल कनाडा ने संयुक्त रूप से आयोजित किया। प्रदर्शन के दौरान बलूच, सिंधी और पश्तून लोगों के खिलाफ पाकिस्तानी सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की गई। आरोप लगाया कि पश्तूनों, सिंधियों और बलूचों के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गायब किया जा रहा है या फिर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। लोगों के गायब होने, गैर न्यायिक हिरासत में मौत होने और हत्याओं में पाकिस्तान के काउंटर टेरेरिज्म डिपार्टमेंट का हाथ है।
पाकिस्तान में बलूच लोगों पर पाकिस्तानी सेना की ज्यादतियों से पूरी दुनिया वाकिफ है। बलूचिस्तान में हजारों लोग बीते सालों में गायब हुए हैं और बड़े पैमाने पर गैर न्यायिक हिरासत में लोगों की मौत हुई है। बीती नवंबर को बलूच मोला बख्श नाम के एक 24 वर्षीय युवक के गायब होने के बाद बलूचिस्तान में विरोध प्रदर्शन हुए। बलूच सामाजिक कार्यकर्ता महरंग बलूच के नेतृत्व में लोगों ने बलूचिस्तान से लेकर इस्लामाबाद तक मार्च निकाला और अभी भी बलूच प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। मार्च के दौरान पाकिस्तान की पुलिस पर भी बलूच महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बल प्रयोग करने और बड़ी संख्या में बलूच प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने का आरोप लगा। बलूचिस्तान के लोग खुद को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते और अलग देश की मांग करते हैं। यही वजह है कि वहां पर लंबे समय से अशांति है।